क्यों हमें आत्माओं को बचाने की आवश्यकता है?
आत्माओं को बचाने का महत्व हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य परमेश्वर की इच्छा को पूरा करना और उनकी महिमा के लिए जीना है। बाइबल स्पष्ट रूप से हमें सिखाती है कि आत्माओं को बचाने का कार्य परमेश्वर की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। यह हमारे उद्धार के साथ जुड़ा हुआ है और दूसरों को परमेश्वर के प्रेम, अनुग्रह, और उद्धार के बारे में बताने का माध्यम है। जब हम आत्माओं को बचाने के लिए काम करते हैं, तो हम परमेश्वर की कृपा का विस्तार कर रहे होते हैं।
1. परमेश्वर की आज्ञा: परमेश्वर ने हमें आत्माओं को बचाने की आज्ञा दी है। यह उनकी योजना का एक हिस्सा है कि हर इंसान उनके राज्य में प्रवेश कर सके।
मत्ती 28:19-20 "इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। उन्हें यह सिखाओ कि वे सब बातों को मानें जिनकी आज्ञा मैंने तुम्हें दी है, और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे साथ हूँ।"
इस आयत में यीशु ने स्पष्ट रूप से अपने शिष्यों को निर्देश दिया है कि वे सभी राष्ट्रों में जाकर आत्माओं को बचाएं, उन्हें बपतिस्मा दें, और उन्हें परमेश्वर की शिक्षा सिखाएं।
2. अनन्त जीवन का उपहार: आत्मा का उद्धार जीवन और मृत्यु का प्रश्न है। परमेश्वर ने हमें अपने पुत्र यीशु मसीह के माध्यम से अनन्त जीवन का उपहार दिया है। इसे हम दूसरों के साथ साझा करने के लिए बुलाए गए हैं ताकि वे भी इस अनन्त जीवन का हिस्सा बन सकें।
यूहन्ना 3:16 "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।"
यह हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर ने अपने प्रेम में हमें बचाने के लिए यीशु को भेजा और हमें भी इस उद्धार के संदेश को फैलाने के लिए बुलाया गया है।
3. नरक और अनन्त नाश: जो आत्माएं परमेश्वर से दूर हैं, उनका अंत विनाश और नरक में होता है। यह हमारे लिए जिम्मेदारी है कि हम लोगों को सचेत करें और उन्हें सच्चाई का मार्ग दिखाएं।
रोमियों 6:23 "क्योंकि पाप की मजदूरी मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।"
इस आयत में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पाप का परिणाम मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का अनुग्रह हमें यीशु मसीह के माध्यम से अनन्त जीवन प्रदान करता है।
4. प्रेम और दया का कार्य: आत्माओं को बचाना प्रेम और दया का सबसे बड़ा कार्य है। जब हम आत्माओं को बचाने के लिए काम करते हैं, तो हम परमेश्वर के प्रेम को दूसरों तक पहुंचाते हैं।
याकूब 5:20 "उसको यह जान लेना चाहिए कि जो कोई किसी पापी को उसके भ्रम की राह से फेर देता है, वह एक आत्मा को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों को ढाँप देगा।"
यह हमें याद दिलाता है कि जब हम किसी को उनके पापों से मुक्ति दिलाते हैं, तो हम परमेश्वर की महिमा कर रहे होते हैं और एक आत्मा को मृत्यु से बचा रहे होते हैं।
निष्कर्ष: आत्माओं को बचाने का कार्य हमारी जिम्मेदारी है। यह केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह प्रेम, दया और अनुग्रह का काम है। जब हम आत्माओं को बचाते हैं, तो हम परमेश्वर की इच्छा को पूरा कर रहे होते हैं और उनके राज्य का विस्तार कर रहे होते हैं।
जैसे प्रभु ने आपको बचाया हैं वेसे ही अब आपको भी हर समय आत्माओं को बचाने के लिए हर जगह प्रभु के सुसमाचार को सुनाना चाहिए यह परमेश्वर की और से आपका कर्तव्य हैं
हमें अपने जीवन में इस उद्देश्य को अपनाना चाहिए और दूसरों को परमेश्वर के अनन्त जीवन के उपहार का संदेश देना चाहिए।