शैतान की योजनाएँ “What is plans of Saitan “
**परिचय:**
शैतान, जो बाइबल में मुख्य विरोधी के रूप में जाना जाता है, उसके पास कई योजनाएँ और युक्तियाँ होती हैं जिनका उद्देश्य है हमें परमेश्वर से दूर करना और हमारे जीवन को बर्बाद करना। बाइबल हमें शैतान की इन योजनाओं के बारे में चेतावनी देती है और उनसे बचने के लिए मार्गदर्शन भी करती है। आइए देखें कि बाइबल के अनुसार शैतान की योजनाएँ क्या हैं।
**1. धोखा देना और झूठ बोलना:**
**यूहन्ना 8:44**
"तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आदि से ही हत्यारा है, और सत्य में स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव से बोलता है, क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।"
**व्याख्या:**
शैतान का सबसे प्रमुख हथियार झूठ बोलना और धोखा देना है। वह हमें गलत मार्ग पर ले जाने के लिए झूठ का सहारा लेता है।
**2. प्रलोभन देना:**
**मत्ती 4:1-3**
"तब यीशु आत्मा के द्वारा जंगल में ले जाया गया, ताकि शैतान से परीक्षा ली जाए। और जब उसने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया, तो आखिर को भूखा हुआ। तब परखने वाले ने पास आकर उससे कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएं।"
**व्याख्या:**
शैतान हमें प्रलोभन देने की कोशिश करता है ताकि हम पाप में गिरें। उसने यीशु को भी प्रलोभन देने की कोशिश की, लेकिन यीशु ने उसे परमेश्वर के वचन से हराया।
**3. अविश्वास और संदेह उत्पन्न करना:**
**उत्पत्ति 3:1-5**
"अब सांप सब बनैले जानवरों से जिन को यहोवा परमेश्वर ने बनाया था, चतुर था; और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है कि परमेश्वर ने कहा है कि तुम बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना? स्त्री ने सांप से कहा, बाटिका के वृक्षों का फल हम खा सकते हैं; पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है, कि तुम न तो उसे खाना और न छूना, नहीं तो मर जाओगे। सांप ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे, वरन परमेश्वर जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम परमेश्वर के समान भले और बुरे का ज्ञान पाओगे।"
**व्याख्या:**
शैतान हमें परमेश्वर के वचनों पर संदेह कराने की कोशिश करता है और अविश्वास उत्पन्न करता है। उसने हव्वा को भी संदेह में डाल दिया था जिससे उसने परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन किया।
**4. पाप और अधर्म को बढ़ावा देना:**
**1 यूहन्ना 3:8**
"जो पाप करता है, वह शैतान का है, क्योंकि शैतान आदि से ही पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे।"
**व्याख्या:**
शैतान पाप और अधर्म को बढ़ावा देता है। वह चाहता है कि हम परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन करें और पाप में जीवन बिताएं।
**5. भटकाना और गुमराह करना:**
**2 कुरिन्थियों 11:14**
"और कुछ अचम्भे की बात नहीं, क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धरता है।"
**व्याख्या:**
शैतान भटकाने और गुमराह करने का प्रयास करता है। वह अपने को ज्योतिर्मय स्वर्गदूत के रूप में प्रकट करके हमें सही मार्ग से भटकाना चाहता है।
**6. उत्पीड़न और विरोध:**
**1 पतरस 5:8**
"सावधान रहो, और जागते रहो; तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।"
**व्याख्या:**
शैतान उत्पीड़न और विरोध करता है। वह हमारे खिलाफ साजिश करता है और हमें परमेश्वर के मार्ग पर चलने से रोकने की कोशिश करता है।
**निष्कर्ष:**
शैतान की योजनाएँ हमें परमेश्वर से दूर करने और हमारे जीवन को बर्बाद करने के लिए होती हैं। हमें उसके झूठ, प्रलोभन, अविश्वास, पाप, भटकाने और उत्पीड़न से सावधान रहना चाहिए। बाइबल हमें शैतान की युक्तियों के बारे में चेतावनी देती है और हमें उनसे बचने के लिए आत्मिक हथियार और मार्गदर्शन प्रदान करती है। हमें परमेश्वर के वचनों में दृढ़ रहना चाहिए और प्रार्थना के माध्यम से उसकी सहायता मांगनी चाहिए।
आमीन।