**परिचय:**
शैतान का उद्देश्य है हमें परमेश्वर से दूर करना और हमारे जीवन में समस्याएँ उत्पन्न करना। लेकिन बाइबल हमें सिखाती है कि हम शैतान और उसकी योजनाओं से कैसे बच सकते हैं। यहाँ कुछ बाइबल पद और मार्गदर्शन दिए गए हैं जो हमें शैतान से बचने में मदद करेंगे।
**1. परमेश्वर के पूरे हथियार धारण करें:**
**इफिसियों 6:11**
"परमेश्वर के सारे हथियार बांध लो, कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।"
**व्याख्या:**
परमेश्वर ने हमें आत्मिक हथियार दिए हैं जिससे हम शैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सकते हैं। हमें हर दिन परमेश्वर के हथियार धारण करना चाहिए।
**2. प्रार्थना और सतर्कता:**
**मत्ती 26:41**
"जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो; आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है।"
**व्याख्या:**
प्रार्थना और सतर्कता शैतान से बचने के महत्वपूर्ण उपाय हैं। हमें निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए और आत्मिक दृष्टि से जागरूक रहना चाहिए।
**3. परमेश्वर के वचन का अध्ययन करें:**
**भजन संहिता 119:11**
"मैंने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं।"
**व्याख्या:**
परमेश्वर का वचन हमें शैतान के झूठ और प्रलोभनों से बचने में मदद करता है। हमें नियमित रूप से बाइबल का अध्ययन करना चाहिए और उसके वचनों को अपने हृदय में संजोना चाहिए।
**4. आत्मा के फल उत्पन्न करें:**
**गलातियों 5:22-23**
"पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम है; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई व्यवस्था नहीं।"
**व्याख्या:**
आत्मा के फल हमारे जीवन में शैतान की योजनाओं को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। हमें अपने जीवन में इन गुणों को उत्पन्न करना चाहिए।
**5. विश्वास के ढाल का उपयोग करें:**
**इफिसियों 6:16**
"और उन सब के साथ विश्वास की ढाल लेकर स्थिर रहो, जिससे तुम उस दुष्ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको।"
**व्याख्या:**
विश्वास की ढाल शैतान के सभी जलते हुए तीरों को बुझा देती है। हमें अपने विश्वास को मजबूत रखना चाहिए और हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास करना चाहिए।
**6. प्रलोभन से दूर रहें:**
**याकूब 4:7**
"इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।"
**व्याख्या:**
प्रलोभन से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है परमेश्वर के आधीन रहना। जब हम शैतान का सामना करते हैं और परमेश्वर के निकट रहते हैं, तो शैतान हमसे दूर भाग जाता है।
**7. संगति में रहना:**
**इब्रानियों 10:24-25**
"और प्रेम, और भले कामों में एक दूसरे को उकसाने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें। और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसे कुछ लोगों का दस्तूर है, पर एक दूसरे को समझाते रहो, और जिस दिन को आते देखते हो, उस दिन का और भी अधिक।"
**व्याख्या:**
संगति में रहना और एक दूसरे की सहायता करना हमें आत्मिक रूप से मजबूत बनाता है और शैतान की योजनाओं के खिलाफ हमारी रक्षा करता है।
**निष्कर्ष:**
शैतान और उसकी योजनाओं से बचने के लिए हमें परमेश्वर के हथियारों को धारण करना, प्रार्थना करना, बाइबल का अध्ययन करना, आत्मा के फल उत्पन्न करना, विश्वास के ढाल का उपयोग करना, प्रलोभन से दूर रहना और संगति में रहना चाहिए। परमेश्वर हमें शक्ति और मार्गदर्शन प्रदान करेगा ताकि हम शैतान की योजनाओं से बच सकें और अपने जीवन में विजयी हो सकें।
आमीन।