युवा भाइयों और बहनों – हमारा लक्ष्य क्या है?
1. प्रस्तावना (Introduction)
प्रिय युवा भाइयों और बहनों,
आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ युवा शक्ति को दुनिया अलग-अलग दिशाओं में मोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन परमेश्वर का वचन हमें बुलाता है कि हम अपनी जवानी को व्यर्थ न करें, बल्कि उसे परमेश्वर की सेवा में लगाएं।
"तू अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण कर..." – प्रचारक 12:1
यह वचन हमें याद दिलाता है कि जवानी का समय सबसे मूल्यवान है – यह वह समय है जब हम ऊर्जा से भरपूर होते हैं, विचारों में स्पष्टता होती है और निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होती है।
2. हमारा लक्ष्य क्या है? (What is Our Goal?)
युवाओं का लक्ष्य केवल एक अच्छी नौकरी पाना, विवाह करना या संपत्ति बनाना नहीं होना चाहिए। हमारा पहला और सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए – परमेश्वर की इच्छा को जानना और उसे पूरा करना।
"परमेश्वर की इच्छा यह है कि तुम पवित्र बनो..." – 1 थिस्सलुनीकियों 4:3
"पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो..." – मत्ती 6:33
हमें अपने जीवन का लक्ष्य परमेश्वर के राज्य को बढ़ाना बनाना चाहिए।
3. हम किसके लिए चुने गए हैं? (Why Are We Chosen?)
हम केवल जीने के लिए या संसारिक सफलता के लिए नहीं बनाए गए।
हम चुने गए हैं, ठहराए गए हैं और पवित्र किए गए हैं कि हम अंधकार में नहीं, बल्कि ज्योति में चलें।
"पर तुम एक चुनी हुई जाती, राजसी याजकों का समाज, एक पवित्र जाति, और ऐसी प्रजा हो जो परमेश्वर की है, ताकि तुम उसके गुणों का प्रचार करो..." – 1 पतरस 2:9
युवा भाइयों और बहनों, यह जिम्मेदारी है – कि हम परमेश्वर के गुणों का प्रचार करें – अपने जीवन से, अपने व्यवहार से, और अपने कार्यों से।
4. आज के समय में युवाओं की भूमिका (Role of Youth in Today’s Time)
आज दुनिया अंधकार, भ्रम, और पाप से भरी है। सोशल मीडिया, मनोरंजन, कामुकता और गलत संगति युवाओं को भटका रही है। ऐसे समय में परमेश्वर चाहता है कि उसके युवा जाग जाएं और आत्मिक युद्ध में उतरें।
"हे जवानो, मैं ने तुम को इसलिए लिखा कि तुम बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में स्थिर रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।" – 1 यूहन्ना 2:14
🌟 क्या करना है हमें?
- पवित्र जीवन जीना –
"पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं।" – 1 पतरस 1:16 - प्रार्थना में समय बिताना –
आज का युवा हर चीज़ के लिए समय निकाल सकता है, पर प्रार्थना के लिए नहीं। हमें इसे बदलना होगा।
"निरंतर प्रार्थना करो।" – 1 थिस्सलुनीकियों 5:17 - बाइबल अध्ययन करना –
बाइबल न केवल आत्मिक भोजन है, बल्कि जीवन को समझने की कुंजी भी है।
"तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरी राह के लिये उजियाला है।" – भजन संहिता 119:105 - गवाही देना –
अपने कॉलेज, स्कूल, ऑफिस, सोशल मीडिया पर यीशु की गवाही देना। - गिरजाघर में सेवा करना –
संगीत, मीडिया, शिक्षा, बच्चों की कक्षा, या किसी भी रूप में। - समय का सदुपयोग करना –
"समय को बुद्धिमानी से खरीदो, क्योंकि दिन बुरे हैं।" – इफिसियों 5:16
5. हम अपने जीवन को परमेश्वर के कामों के लिए कैसे उपयोग करें? (How to Use Our Life for God’s Work?)
🔥 (A) अपनी बुलाहट को पहचाने
हर युवा के जीवन में परमेश्वर की एक बुलाहट होती है – कोई प्रचारक बनने के लिए, कोई शिक्षक, कोई इंटरसेसर (प्रार्थक), कोई सहायता सेवक।
"जैसे एक शरीर के बहुत से अंग होते हैं... वैसे हम जो बहुत हैं, मसीह में एक शरीर हैं।" – रोमियों 12:4-5
🔥 (B) अपने उपहारों को प्रयोग करें
गीत गाने की, लिखने की, बोलने की, वीडियो बनाने की – जो भी प्रतिभा है, उसे प्रभु की महिमा के लिए इस्तेमाल करें।
"हर एक को जो वर मिला है, वह उसे परमेश्वर की भांति सेवा में लगाए..." – 1 पतरस 4:10
🔥 (C) आत्मिक प्रशिक्षण लें
आत्मिक रूप से मजबूत बनने के लिए नेतृत्व प्रशिक्षण लें, प्रभु के सेवकों से सीखें, आत्म-अनुशासन रखें।
6. क्यों करना चाहिए प्रभु का काम? (Why Should We Do God's Work?)
- क्योंकि यह शाश्वत है – दुनिया की चीज़ें नाशमान हैं, पर जो हम प्रभु के लिए करते हैं वह अनंत में फल देगा।
"क्योंकि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।" – 1 कुरिन्थियों 15:58 - क्योंकि यीशु ने हमारे लिए सब कुछ दिया –
"उसने अपना प्राण हमारे लिए दे दिया..." – 1 यूहन्ना 3:16 - क्योंकि आत्माएं नाश हो रही हैं –
यदि हम नहीं जाएंगे, कौन जाएगा?
"जाओ, सब जातियों को चेला बनाओ..." – मत्ती 28:19
7. निष्कर्ष (Conclusion)
प्रिय युवा भाइयों और बहनों,
आपका जीवन अमूल्य है। इसे व्यर्थ मत जाने दो। प्रभु चाहता है कि आप उसके योध्दा बनो। आप मसीही युवा हो – एक यंग आर्मी – जो आत्माओं को बचाने के लिए, प्रभु के राज्य को बढ़ाने के लिए, और अंधकार में ज्योति फैलाने के लिए खड़ा है।
"जो लोग अपने परमेश्वर को जानते हैं वे दृढ़ होंगे और महान कार्य करेंगे।" – दानिय्येल 11:32
✅ व्यावहारिक कदम (Action Steps):
- हर दिन बाइबल पढ़ें और प्रार्थना करें
- सप्ताह में एक दिन उपवास करें
- सोशल मीडिया पर यीशु का प्रचार करें
- प्रभु की सेवा में भाग लें
- आत्माओं के लिए burden रखें
- अपने जीवन को पवित्र रखें
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