"क्या आप बुलाए गए हैं या चुने गए हैं?"
बाइबल में "बुलाए जाने" और "चुने जाने" के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है, जो हमें हमारे विश्वास की यात्रा और उद्देश्य को समझने में मदद करता है। आइए इस विषय को बाइबल के संदर्भ में गहराई से समझें और विभिन्न आयतों के माध्यम से जानें कि बुलाए गए और चुने गए होने का क्या मतलब है।
1. बुलाए गए और चुने गए का अंतर
प्रकाशितवाक्य 17:14 में यह लिखा है, "ये मेमने से युद्ध करेंगे, और मेमना उन पर जय पाएगा; क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो उसके साथ हैं, वे बुलाए हुए और चुने हुए और विश्वासयोग्य हैं।"
यहां तीन महत्वपूर्ण शब्द हैं: बुलाए गए, चुने गए, और विश्वासयोग्य।
- बुलाए गए (Called): ये वे लोग हैं जिन्हें परमेश्वर ने अपने राज्य में प्रवेश करने के लिए बुलाया है। यह एक सार्वभौमिक निमंत्रण है जिसे सभी को दिया जाता है।
- चुने गए (Chosen): जबकि सभी को बुलाया गया है, केवल कुछ ही इस बुलावे का जवाब देकर चुने जाते हैं। चुने गए लोग वे होते हैं जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने जीवन को समर्पित करते हैं।
2. कई बुलाए गए पर कम चुने गए
मत्ती 22:14 में यीशु कहते हैं, "क्योंकि बुलाए हुए तो बहुत हैं, परन्तु चुने हुए थोड़े हैं।" इसका मतलब यह है कि यद्यपि बहुत से लोग बाइबल के संदेश को सुनते हैं और बुलाए जाते हैं, केवल कुछ ही अपने विश्वास, समर्पण और आज्ञाकारिता के कारण चुने जाते हैं।
- बुलाए गए व्यक्ति वह हैं जो परमेश्वर का संदेश सुनते हैं और उनके लिए दरवाजे खुले होते हैं।
- चुने गए वे हैं जो वास्तव में इस बुलावे को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर विश्वास में बढ़ते हैं।
3. बुलाए जाने का उद्देश्य
2 तीमुथियुस 1:9 में पौलुस लिखते हैं, "जिसने हमें उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया है; न हमारे कामों के अनुसार, पर अपनी मर्जी और उस अनुग्रह के अनुसार जो मसीह यीशु में सनातन से हम को दिया गया था।"
यह आयत हमें यह समझाती है कि परमेश्वर का बुलावा अनुग्रह पर आधारित है, न कि हमारे कार्यों पर। बुलाए जाने का अर्थ है कि परमेश्वर हमें अपने अद्भुत कार्य में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, ताकि हम अपनी आत्मा और जीवन को उसके उद्देश्य के अनुरूप ढाल सकें।
4. चुने जाने का महत्व
इफिसियों 1:4 में लिखा है, "जैसा कि उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले मसीह में चुन लिया, कि हम उसके सामने प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।"
यह आयत हमें बताती है कि चुने जाने का महत्व यह है कि परमेश्वर ने हमें पवित्र और निर्दोष जीवन जीने के लिए पहले ही चुन लिया है। यह एक विशेषाधिकार है, जो उन लोगों के लिए होता है जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करते हैं।
5. आध्यात्मिक चुनाव और बुलाहट
रोमियों 8:30 में लिखा है, "और जिन्हें उसने पहले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी; और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया; और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी।"
यह आयत दिखाती है कि चुने जाने और बुलाए जाने की प्रक्रिया पूरी तरह से परमेश्वर की योजना का हिस्सा है। यह एक यात्रा है जिसमें परमेश्वर पहले हमें बुलाते हैं, फिर हमें अपने मार्ग में धर्मी ठहराते हैं, और अंततः परमेश्वर हमें महिमा के कामों में उपयोग करता हैं।
6. आपका बुलाया और चुना जाना
जब हम इस विचार पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि "क्या आप बुलाए गए हैं या चुने गए?", तो यह स्पष्ट होता है कि बुलाया जाना एक आरंभिक चरण है, लेकिन चुने जाने का अर्थ है कि हम उस बुलावे का उत्तर देकर परमेश्वर के साथ अपने जीवन को समर्पित करते हैं।
निष्कर्ष:
बाइबल में बुलाए जाने और चुने जाने का गहरा अर्थ है। सभी को बुलाया जाता है, लेकिन केवल वे चुने जाते हैं जो परमेश्वर की इच्छा और उसके मार्ग को अपनाते हैं। हमारा विश्वास, हमारे कर्म और हमारी आज्ञाकारिता हमें बुलाए जाने से चुने जाने की यात्रा पर ले जाते हैं।
प्रमुख बाइबल वचन:
- मत्ती 22:14
- इफिसियों 1:4
- 2 तीमुथियुस 1:9
- रोमियों 8:30
- प्रकाशितवाक्य 17:14
याद रखें, परमेश्वर का बुलावा हर किसी के लिए है, लेकिन चुने जाने के लिए समर्पण और विश्वास की आवश्यकता होती है।
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