बुधवार // 4 सितंबर 2024
क्रूस का संदेश परमेश्वर की शक्ति है!
क्योंकि क्रूस की कथा नाश होनेवालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पानेवालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ्य है
1 कुरिन्थियों 1:18
सुसमाचार साबित करता हैं कि यीशु मसीह सारी सृष्टि के प्रभु हैं: उनकी आज्ञा पर मछलियाँ जाल में तैरती है; वे पानी पर चलते और एक शब्द से तूफानों को शांत करते। उन्होंने बीमारों, बहरों, अंधे, कोढ़ियों और विकलांगों को चंगा किया। बीमारी का कोई भी रूप उनके सामर्थ से परे नहीं था। वे दुष्टआत्माओं से बंधे लोगों के भी प्रभु है। शैतान के शिकंजे में जकड़े हुए लोग यीशु के एक शब्द से ही मुक्त हो गए; दुष्ठ आत्मा जानती है कि वे परमेश्वर का पुत्र हैं। अन्य धर्मों में लोग परमेश्वर को ढूँढने उसके पीछे पड़ते थे, लेकिन हमारी मूर्खतापूर्ण कहानी में परमेश्वर हमारे लिए हमको ढूँढने को पहुँचे।
यीशु ने अपने समकालीनों की तरह ही हर दिन एक एक कर के जिया, आम मनुष्य की तरह भोजन करके जीवन जिया, लेकिन वह कभी भी जल्दबाजी में नहीं दिखे, कभी भी नियंत्रण से बाहर नहीं दिखे, उनके पास आने वाले लोगों के लिए कभी भी समय की कमी नहीं थी। यीशु लगातार अपने आप से बाहर निकलकर खुद को किसी और की कहानी के बीच में रखते थे। यीशु ने बहिष्कृत लोगों को अधूरा नहीं माना; उन्होंने उन्हें अमूल्य और क़ीमती जाना - बहिष्कृत नहीं, बल्कि एसी संतान जिन्हें उनके स्वर्गीय पिता के परिवार में अपनाया जा सकता था।
क्या परमेश्वर के पुत्र के लिए सूली पर चढ़ने से पहले राज्याभिषेक को त्यागना मूर्खता थी? एक अपराधी के रूप में पीड़ित होना जबकि उन्हें राजा का ताज पहनाया जा सकता था? शक्तिशाली शाशक आमतौर पर लोगों को बाहर से अंदर की ओर बदलते हैं; लेकिन यीशु के प्रभाव ने लोगों को अंदर से बाहर की ओर बदल दिया। यही कारण है कि वह मेरा उद्धारकर्ता है और आपका भी... हलेलुयाह 🙌🏻
मसीह में आपका भाई,
प्रेरित अशोक मार्टिन