**आप यीशु मसीह में कितने सुरक्षित हैं**
यीशु मसीह में हमारे जीवन की सुरक्षा एक अद्भुत आशीर्वाद है, जो विश्वासियों को परमेश्वर द्वारा दिया गया है। बाइबल हमें बार-बार यह सिखाती है कि जो भी मसीह में है, वह परमेश्वर की सुरक्षा और देखरेख में सुरक्षित है। इस विषय पर विचार करते हुए, हम विभिन्न बाइबल पदों को देखेंगे, जो हमारी सुरक्षा और मसीह में शांति के बारे में बताते हैं।
1. **मसीह में शाश्वत सुरक्षा**
यीशु मसीह ने हमें वादा किया है कि जो भी उनके पास आता है, उसे वे कभी नहीं छोड़ेंगे। यह सुरक्षा केवल इस जीवन में ही नहीं, बल्कि शाश्वत जीवन में भी है।
> **यूहन्ना 10:28-29**
> _“और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। मेरे पिता ने, जो उन्हें मुझे दिया है, सब से बड़ा है; और कोई उन्हें पिता के हाथ से नहीं छीन सकता।”_
यह वचन स्पष्ट करता है कि जो मसीह में हैं, वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। न कोई शैतान, न कोई दुनिया की ताकत उन्हें यीशु के हाथ से छीन सकती है।
2. **कठिन समय में सुरक्षा**
कठिन समय में भी, मसीह हमें आश्वासन देते हैं कि हम उनकी सुरक्षा में हैं। यह सुरक्षा केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि आत्मिक है।
> **भजन संहिता 46:1-2**
> _“परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक। इसलिये हम को किसी बात का भय नहीं, चाहे पृथ्वी पलट जाए और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं।”_
यह पद हमें याद दिलाता है कि चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, परमेश्वर हमारी शरण हैं। हम उनके संरक्षण में पूर्णतः सुरक्षित हैं।
3. **परमेश्वर की प्रेममयी सुरक्षा**
मसीह में हमारी सुरक्षा केवल ताकत या अधिकार पर आधारित नहीं है, बल्कि परमेश्वर के प्रेम पर आधारित है। यह प्रेम न कभी कम होगा, न ही समाप्त होगा।
> **रोमियों 8:38-39**
> _“क्योंकि मैं निश्चय जानता हूँ, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न शक्तियां, न ऊँचाई, न गहराई और न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें उस प्रेम से अलग कर सकेगी, जो मसीह यीशु हमारे प्रभु में है।”_
इस वचन के माध्यम से हम जानते हैं कि परमेश्वर का प्रेम हमारी सुरक्षा का स्तंभ है। हम मसीह में अडिग और सुरक्षित हैं, और कोई भी शक्ति हमें इस प्रेम से अलग नहीं कर सकती।
4. **पवित्र आत्मा द्वारा सुरक्षा**
यीशु ने हमें पवित्र आत्मा की भी सुरक्षा दी है, जो हमारे मार्गदर्शक और सहायक हैं।
> **इफिसियों 1:13-14**
> _“जिस में तुम ने भी, सत्य का वचन, अर्थात अपने उद्धार का सुसमाचार सुनकर, विश्वास किया; जिस में विश्वास करने के बाद तुम पर प्रतिज्ञा की हुई पवित्र आत्मा की छाप लगी। वही हमारी मीरास का बयाना है, जब तक कि परमेश्वर के निज धन का छुटकारा न हो जाए, उस की महिमा की स्तुति हो।”_
पवित्र आत्मा हमारे भीतर कार्य करता है, हमें निर्देश देता है और मसीह में हमारी सुरक्षा की गारंटी है।
5. **जीवन के संघर्षों में भी सुरक्षा**
मसीह में हमारी सुरक्षा यह नहीं कहती कि हमें जीवन में कोई संघर्ष नहीं होंगे, बल्कि यह हमें आश्वासन देती है कि हर संघर्ष में परमेश्वर हमारे साथ हैं।
> **2 तीमुथियुस 4:18**
> _“और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से बचाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य के लिये उद्धार करेगा। उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।”_
यह पद बताता है कि चाहे हमारे जीवन में कितने भी संघर्ष या परीक्षाएं क्यों न हों, प्रभु हमें हर बुराई से बचाकर अपने राज्य की ओर ले चलेंगे।
**निष्कर्ष**
यीशु मसीह में हमारी सुरक्षा एक अविश्वसनीय उपहार है, जो हमें आत्मिक, शारीरिक और शाश्वत रूप से सुरक्षित रखता है। मसीह में जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद यह है कि हम उसकी सुरक्षा में स्थिर हैं, चाहे इस दुनिया में कुछ भी हो। विश्वास की इस यात्रा में, हमें परमेश्वर की सुरक्षा पर पूरी तरह से भरोसा रखना चाहिए और उनके वचन को अपने जीवन का मार्गदर्शक बनाना चाहिए।
लोग मनुष्यों की सुरक्षा पा कर अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं हमें तो उसने अपने पवित्र और सामर्थ्यवान लहू से और स्वर्गदूतों से सुरक्षा प्रदान की है तो हमें अवश्य ही सुरक्षित महसूस करना चाहिए क्योंकि ये सुरक्षा हज़ारो कमाण्डो और PM, CM की सुरक्षा से बढ़कर है
_“धन्य है वह व्यक्ति जो यहोवा पर भरोसा रखता है; वह उसकी सुरक्षा में सदा बना रहता है।”_