(1)
कभी हम भूल नहीं सकते,
मसीहा बरकतें तेरी – 2
दुआ में जो कुछ मांगा,
आपसे हमने पाया है – 2
तेरे दर पर हम आए है,
और अपना सर झुकाया है – 2
खुदाया शुक्र है तेरा,
हमें ये दिन दिखाया है
(2)
हम अपने सारे हदिए लेकर,
तेरे घर में हाजिर हों – 2
कलम~ए~पाक में तूने,
हमें यही सिखाया है – 2
तेरे दर पर हम आए है,
और अपना सर झुकाया है – 2
खुदाया शुक्र है तेरा,
हमें ये दिन दिखाया है
(3)
मेरी जो सरफराजी है,
वो तेरी मेहरबानी है – 2
तेरे लुत्फ~ओ~करम का,
या रब किसने भेद पाया है – 2
तेरे दर पर हम आए है,
और अपना सर झुकाया है – 2
खुदाया शुक्र है तेरा,
हमें ये दिन दिखाया है
(4)
हमारे बाल बच्चों पर,
सदा नजर~ए~करम रखना – 2
की जैसे आज तक रहमत का तेरी,
हम पर साया है – 2