यादें जब सताये येशू को याद करना,
ख़्वाहशें जब रुलाएं येशू को याद करना
1) सूली उठाना अपनी येशू के पीछे चलना,
रूह-ए-खुदा से कहना मुझको संभाले रखना,
जब पैर लड़खड़ाये येशू को याद करना
2) हर एक जख्म को अपने येशू के खून से धोना,
खामोश बैठ जाना परस्तिश खुदा की करना,
जब सांस घुट के आये येशू को याद करना
3) साथी भी और खुदा भी और है वो सच्चा भाई,
वो साथ है हमेशा जिसने है जाँ लुटाई,
जब अपने दिल दुखाएँ येशू को याद करना